Norat Mal Nama
31-Dec-2024
भगवान श्रीराम विवाह का प्रसंग सुनाया
देवली, श्रीराम कथा के छठे दिन मंगलवार को पुष्प मुरारी बापू ने कहा कि भगवान राम ने विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा करने के लिए ताड़का का वध कर उसका उद्धार किया।
मनुष्य के जीवन में सबसे पहले अविद्या आती है। अविद्या को जब हम मार देंगे, तभी जाकर हमें विद्या प्राप्त हो सकती है। तभी हम सब धर्म के मार्ग पर चल सकते हैं। अहिल्या ब्राह्मणी थी। लेकिन प्रभु श्रीराम ने अपने चरणों की धूल से उसका उद्धार किया। बापू ने मिथिला की कथा का सुंदर वर्णन कर चरित्र का वर्णन किया। भगवान ने शिव धनुष को तोड़ दिया और सीताजी के साथ में भगवान का पाणिग्रहण संस्कार हुआ। इस दौरान सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गई। सभी श्रद्धालुओं ने दर्शन किया पूजन किया। मंगलवार को यजमान भागचंद, रामकिशन माहेश्वरी, भागचंद माहेश्वरी थे।