Norat Mal Nama
05-Aug-2023
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने सभ्य समाज में कोटडी जैसी हत्या शर्मनाक व कलंकित है गृह विभाग की कार्य प्रणाली को कमजोर बताया
गुर्जर आरक्षण समिति के प्रदेश अध्यक्ष व गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि कोटडी के नरसिंहपुरा में बालिका की की गई नृशंस हत्या बेहद निंदनीय है। सभ्य समाज में इस तरह की हरकत व घटना समाज को कलंकित करने वाली है। लिहाजा उक्त अपराध की सजा केवल "सजा-ए-मौत" होनी चाहिए।
दरअसल विजय बैंसला गुर्जर समाज के नेताओं के साथ कोटडी क्षेत्र के नरसिंहपुरा गांव में जा रहे थे। इस बीच में शनिवार दोपहर कुछ देर वे यहां देवली में जयपुर रोड स्थित सिद्धि विनायक रिसोर्ट में ठहरे। जहां उन्होंने पत्रकार वार्ता की।
उन्होंने कहा कि हमारे समाज की एक जवान बेटी के काट-काटकर टुकड़े करना तथा उसे भट्टी में झोक देना बेहद गलत है। वह इस विषय पर राजनीति नहीं करना चाहते। लेकिन ऐसे गुनहगारों को मौत की सजा मिलना जरूरी है। हालांकि रूढ़िवादी विचारधारा के अनुसार जैसे को तैसा करना आज के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त नहीं है। लेकिन ऐसे गुनहगारों के साथ रूढ़िवादी परंपरा के अनुसार ही न्याय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही नहीं प्रदेश में सभी जगह हो रही घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए तथा ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने गत 20 दिन पूर्व जिले के मालपुरा में हुए गैंग रेप का भी उल्लेख किया
गृह विभाग का चाबुक ठीक नहीं चल रहा है
प्रदेश में बढ़ रही महिला अत्याचार की घटनाओं के सवाल पर गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि गृह विभाग कानून की दृष्टि से जिम्मेदार महकमा होता है। यह विभाग मौजूदा सरकार में खुद मुख्यमंत्री के पास है। लेकिन ऐसा लगता है कि गृह विभाग का चाबुक पुलिस महकमे में सही से नहीं लग रहा है। इसकी वजह से कानून की पकड़ ढीली हो रही है। कहा कि सरकार को लठ चलाना नहीं आता है। यदि सरकार सही से लाठी नहीं चला सकती है तो हम इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि वह कोटडी में पीड़ित परिवार को उनके माता-पिता से मिलेंगे तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने, परिजनों के साथ न्याय किए जाने को लेकर चर्चा करेंगे। संभव हुआ तो वह शासन और प्रशासन से इसके लिए गुहार भी लगाएंगे। किसी की मां, बहन व बेटी के साथ होने वाली रेप की घटना बेहद दुखद है। इस दौरान गुर्जर नेता अतर सिंह, जन सेवा समिति देवली-उनियारा के संयोजक डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर, शंकर सरपंच, बाबूलाल लावडा, देवलाल दूनी, छोटू चौहान, गोपाल फौजी, सूरजकरण, सियाराम सारदडा, राजाराम जाट, विष्णु टेलर, राजू सरकार समेत मौजूद थे।